FMCG कारोबार छोड़ने के एक दिन बाद Adani Wilmar के शेयर 7% लुढ़के, निवेशकों की चिंताओं ने पकड़ी रफ्तार:
Adani Wilmar के शेयर में इस साल 17% की गिरावट दर्ज की गई है। JPMorgan के अनुसार, Adani Wilmar के पास मजबूत सोर्सिंग, सप्लाई चेन और बड़े पैमाने पर कारोबार करने की क्षमता है। जेपी मॉर्गन के नोट में इसे 320 रुपये प्रति शेयर के लक्ष्य के साथ अंडरवेट बताया गया है, जो दर्शाता है की Adani Wilmar शेयर बाजार में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उसकी बुनियादी क्षमताओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
अरबपति गौतम अडानी के समूह ने सोमवार को एफएमसीजी(FMCG) संयुक्त उद्यम अडानी विल्मर से बाहर निकलने का ऐलान किया है जो समूह के लिए एक बड़ा साहसी कदम है और अडानी ग्रुप ने अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर के साझेदार को खुले बाजार में 2 अरब डॉलर से अधिक में बेच दी, यह सौदा अमेरिकी रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद समूह द्वारा किया गया पहला बड़ा कदम है।
FMCG कारोबार में बदलाव: अडानी ग्रुप का बड़ा कदम, बाजार में हलचल
इस खबर ने पुरे शेयर मार्किट बाजार में हलचल मचा दी है बल्कि निवशो के मन बड़ा सवाल पैदा कर दिया है एक्सपर्ट का कहना है की अडानी ग्रुप के रणनीतिया ये साफ बता रही की वह अपने मुख्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अन्य क्षेत्रो से बाहर निकल रही है वहीं सिंगापुर साझेदार के लिए यह अधिग्रहण एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है, क्योंकि अडानी विल्मर अपने मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और अपने ब्रांड वैल्यू के लिए मशहूर और बिख्यात है।
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड जो फॉर्च्यून ब्रांड के कुकिंग ऑयल, गेहूं का आटा और अन्य खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी Adani Wilmar लिमिटेड में 43.94 % हिस्सेदारी रखती है। इन्होने अपने एक बयान में कहा कि वह 31.06 % विल्मर इंटरनेशनल को हिस्सेदारी बेचेगी। इसके अलावा जो भी शेष लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी की न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खुले बाजार में बेचा जायेगा ।
अडानी ग्रुप विल्मर इंटरनेशनल को 31.06% हिस्सेदारी के लिए लगभग 40.37 करोड़ शेयर ₹305 प्रति शेयर से अधिक के दाम पर बेचेगा। इस सौदे से अडानी ग्रुप को 12,314 करोड़ रुपये की आय होगी। यह कदम अडानी ग्रुप की एफएमसीजी(FMCG) कारोबार से पूरी तरह बाहर निकलने की रणनीति का हिस्सा है
आप को बता दे की अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर सुबह 10:15 बजे तक 2% से अधिक गिर गए। इस गिरावट के बावजूद, कंपनी ने एक्सचेंजों को औपचारिक रूप से सूचित किया कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडानी सामान एलएलपी और विल्मर इंटरनेशनल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी लेंस ने 30 दिसंबर को घोषित किए गए लेनदेन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर लिया है।